सुना है तुम ले लेते हो हर बात का बदला...
आजमाए कभी तुम्हारे लबों को चूमकर..?
तेरे लिए कितना भी करू काफी नही है
तुमने मुझे दुबारा मुस्कुराना जो सिखाया है
काश! वो नींद से जागे और मुझसे लड़ने आए……!!
तुम कोन होते हों मेरे ख्वाबों में आने वाले….!!
इश्क़ किया है तो तबाही से मत डर…!
अब तो तबाह हो चूका है ,जम के इश्क़ कर…!!
आखों ने छूना भर चाहा, मन ने पूरा नाप लिया…!
आखों ने बस देखा भर था,
मन ने उसको छाप लिया…!!
इश्क़ ज़िस्मानी खेल बनकर रह गया शायद
पनघट किनारे इंतजार करने के ज़माने चले गये
आ जाओ मोहब्बत का आलीशान बंगला बनाते है…
दिल की जमीन खरीदी है,इश्क की नगरी में…
सरकार गुस्ताखी होती है तो हो जाने दो…
एक सुबह-रात मुझे साथ बिताने दो…
किसी को चाहते रहना तो दिल का शौक़ है…!
किसी की चाहत बनना, मुक़द्दर की बात है…!!
ये आईने जो तुम्हें कम पसंद करते हैं,
इनको है खबर,तुम्हें हम पसंद करते हैं…
उसके सिवा किसी और को चाहना
मेरे बस में नही है
ये दिल उसका है अपना होता
तो बात और होती..!!
तुम्हारी एक आहट से ही
दिल की धड़कने बढ़ जाती हैं
अगर तुम सामने आ गई तो
ना जाने क्या होगा मेरा…..?
कुछ को तो बीमारी से भी मरना है
हर कोई तुम पर मर नही सकता
मेरे अपने जिन्दगी का यही एक उसूल है
जब तू कबूल है तो तेरा सब कुछ कबूल है …!
जागने की इजाजत नहीं देते तेरे ख्वाब मुझे !!
वो तो हम चाय के बहाने उठ जाया करते हैं !!