कौन कहता है कि दूरियां हमेशा
किलोमीटरों में नापी जाती हैं….!!
कभी कभी "ख़ुद" से मिलने में भी
"जिंदगी" गुज़र जाती है….!!!
आखों ने छूना भर चाहा, मन ने पूरा नाप लिया…!
आखों ने बस देखा भर था,
मन ने उसको छाप लिया…!!
दुपट्टा क्या रख लिया उसने सर पर
वो दुल्हन नजर आने लगी
उसकी तो अदा हो गई और
जान हमारी जाने लगी...
रिश्ते खराब कर देती हैं खामोशी
सुनो तुम मुझसे लड़ लिया करों !!
उनको देखने पर जो मिलता है !
सारा मसला उसी सुकून का है !!
बहक न जाए कहीं
कमबख्त इस चाय की नीयत
तुम बार-बार यूँ देर तक
कुल्हड़ को होंठो से न लगाया करो!!
सुना है किताबो से बहुत मोहब्बत है तुम्हें…
मैं भी एक कहानी हूँ कभी पढ़ कर तो देख हमें…
आंखों से गले लगा लीजिए साहब
सीने से लगाने पर पाबंदियां बहुत हैं
सुबह की चाय जैसी हो तुम,
सुकून ही सुकून
सुनो, मुकम्मल नहीं होती है
इश्क में सिफारिशें,,
खुदा जब भी, जो भी देगा,
तकदीर का लिखा ही देगा…
तुम एक बार मेरे बनो तो सही……
तुमको अपना बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगे
सरकार गुस्ताखी होती है तो हो जाने दो…
एक सुबह-रात मुझे साथ बिताने दो…
प्यार करना आना चाहिए…
जनाब…
हो तो सबको जाता है…
वो कहती रही के "तुम मेरे हो"
मझे सुनना था "मैं तुम्हारी हूं"
ये आईने जो तुम्हें कम पसंद करते हैं,
इनको है खबर,तुम्हें हम पसंद करते हैं…
कुछ को तो बीमारी से भी मरना है
हर कोई तुम पर मर नही सकता
कुछ फासले तुम भी तो मिटाओ,
हम तुम तक आएं भी तो कहा तक आएं
कुछ रिश्तों में मुनाफा नहीं होता
पर वो जिंदगी को अमीर बना देते हैं…