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भारत बायोटेक ने खुद ही कोरोना वैक्सीन COVAXIN डोज़ के नुकसान के बारे में एक अहम जानकारी दी है।
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कंपनी ने कहा है कि उसके पास पड़ी हुई कोरोना वैक्सीन की पांच करोड़ खुराक 2023 की शुरुआत में एक्सपायर होने जा रही है।
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कंपनी ने कहा कि खराब मांग के कारण कोई खरीदार नहीं मिल पा रहा है जिससे चलते भारी नुकसान की आशंका है।
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कंपनी ने कहा कि हमने टीके की मांग में आई कमी को देखते हुए अस्थाई रूप से इसके उत्पादन को फिलहाल बंद करने का फैसला लिया है।
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हमारे पास अभी पर्याप्त मात्रा में खुराक मौजूद हैं बल्कि पांच करोड़ से अधिक खुराक एक्सपायर होने की कगार पर हैं।
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कंपनी ने कहा कि आने वाले समय में कंपनी लंबित सुविधा रखरखाव, प्रक्रिया और सुविधा अनुकूलन गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करेगी।
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हालांकि कोरोना वायरस महामारी के समय COVID-19: Covaxin के निर्माण को प्राथमिकता देते हुए
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अन्य सभी दवाओं का उत्पादन समय इसी के अनुसार बदला गया था। पिछले साल लगातार इसका उत्पादन हुआ था।
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राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अब तक कोवाक्सिन सहित कोविड-19 टीकों की 219.71 करोड़ खुराकें दी जा चुकी हैं।
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चूंकि वैश्विक स्तर पर संक्रमण दर में तेजी से गिरावट आ रही है, इसलिए कोवाक्सिन के निर्यात पर विदेशी देशों द्वारा खराब उठान का नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
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रिपोर्ट के अनुसार अब COVID-19 को अब विश्व स्तर पर खतरा नहीं माना जा रहा है। वहीं इससे पहले अप्रैल 2022 में, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा कि
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उसने संयुक्त राष्ट्र की खरीद एजेंसियों के माध्यम से कोवाक्सिन की आपूर्ति के निलंबन की पुष्टि की और सिफारिश की कि वैक्सीन का उपयोग करने वाले देश उचित कार्रवाई करें।
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वहीं जब 2021 के दौरान COVID-19 संक्रमण अपने चरम पर था, ब्राजील सरकार ने विवाद के बाद कोवाक्सिन की दो करोड़ खुराक आयात करने के अपने निर्णय को निलंबित कर दिया।
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